Skip to main content

Posts

Showing posts from May, 2016

तो इंजिनियर हो तुम..

....तो इंजिनियर हो तुम.... बॅग में सिर्फ एक नोटबुक ले कर चल रहे हो तो इंजिनियर हो तुम, पॉकेट में दुसरे का पेन ले कर चल रहे हो तो इंजिनियर हो तुम, हर सेमिस्टर में एक नयी नोटबुक लेना सिखो, उसके हर पन्ने पर कुछ लिखना सिखो, हर टीचर से मिलो तो वो खोले तुम्हारा नोटबुक, हर पन्ने पर नया सब्जेक्ट देखे उस टीचर कि निगाहे, जो अपने नोटबुक में शायरिया ले कर चल रहे हो तो इंजिनियर हो तुम, बॅग में सिर्फ एक नोटबुक ले कर चल रहे हो तो इंजिनियर हो तुम, तो इंजिनियर हो तुम... दो लेक्चर के अटेंडन्स के लिये सेमिनार दे रहे हो तो इंजिनियर हो तुम, एक प्रॉक्झी के लिये भिक मांग रहे हो तो तो इंजिनियर हो तुम, एक हफ्ते में ४लेक्चर कर के शान से रहना सिखो, तुम डिफॉल्टर बन के नोटीस बोर्ड पर झलकना सिखो, हर टीचर से मिलो तो टीचर खोले अपना अटेंडन्स शीट, हर दिन मारी हुई नयी प्रॉक्झी देखे उस टीचर कि निगाहे, जो अपने मोबाईल मे अटेंडन्स की कॅलक्युलेशन कर रहे हो तो इंजिनियर हो तुम, दो लेक्चर के अटेंडन्स के लिये सेमिनार दे रहे हो तो इंजिनियर हो तुम.... तो इंजिनियर हो तुम.... ©वृषाल भोसले